भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से छुपाकर जयपुर जिला लिस्ट जारी – नेताओं की सिफारिशों ने मचाया बवाल…?

जयपुर शहर बीजेपी के जिला अध्यक्ष अमित गोयल ने शुक्रवार सुबह अपनी कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट साझा की। लेकिन यह पोस्ट सामने आते ही पार्टी के भीतर विवाद भड़क उठा और महज़ कुछ ही मिनटों में इसे डिलीट करना पड़ा।
लिस्ट हटाने के तुरंत बाद एक नई पोस्ट डाली गई, जिसमें कहा गया कि यह “मानवीय भूल” से फेसबुक पर लग गई है और जल्द ही विधिवत रूप से नई लिस्ट जारी की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, गलती से जारी हुई इस लिस्ट में 34 नेताओं के नाम थे, जिनमें से 22 नाम विभिन्न नेताओं की सिफारिशों के आधार पर शामिल किए गए थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और डिप्टी सीएम दीया कुमारी की सिफारिश पर सबसे ज्यादा 8 लोग सूची में थे। इसके अलावा मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, विधायक बालमुकुंदाचार्य, प्रेमचंद बैरवा, मंजू शर्मा, गोपाल शर्मा और अन्य की सिफारिशों का भी उल्लेख था।
सिर्फ 8 लोगों को कार्य के आधार पर चुना गया बताया गया, जबकि कुछ नामों के आगे कोई विवरण नहीं था। लिस्ट वायरल होते ही बीजेपी नेताओ ने खुलकर नाराजगी जताई और वरिष्ठ नेताओं जैसे कि कालीचरण सराफ, अशोक परनामी व अरुण चतुर्वेदी के समर्थक भी असंतुष्ट नज़र आए।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ही नहीं थी। यह लिस्ट कब और कैसे जारी हुई, और वह इसकी जांच करवाएंगे।
ऐसा पहली बार देखा गया है कि जिला अध्यक्ष ने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए साफ लिखा कि कितने नेताओं की सिफारिश पर किन्हें जगह दी गई। इससे यह साफ हो गया है कि अब विधायकों और मंत्रियों के खास कार्यकर्ताओं में भी चर्चा का विषय बन गया है कि “मैं तो बहुत खास था, लेकिन अब सबके आगे से पर्दा हटता दिखाई दे रहा है।”
जयपुर शहर में चर्चा गर्म है कि “परिश्रम पर परिक्रमा भारी पड़ रही है” – यानी सालों से संगठन में मेहनत करने वाले कार्यकर्ता नजरअंदाज हो रहे हैं, जबकि सिफारिशों के दम पर नए चेहरे मलाईदार पदों पर पहुंच रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने जल्द हालात नहीं संभाले, तो यह असंतोष गुटबाजी और संगठनात्मक टूट का रूप ले सकता है।
नोट – यह खबर सूत्रों के द्वारा लिखी गई है ।