
जयपुर, 7 जुलाई।
राजस्थान में SI भर्ती परीक्षा को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती नजर आ रही है। इस मामले में सोमवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जो मुख्य न्यायाधीश समीर जैन की एकल पीठ में संपन्न हुई। हालांकि आज फैसला नहीं हो सका, लेकिन अदालत की टिप्पणियों ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
कोर्ट ने साफ शब्दों में पूछा कि
“पिछली रिपोर्ट को क्यों दबाया गया? क्या वाकई इस भर्ती में पेपर बड़े स्तर पर लीक हुआ है? अगर हां, तो क्या इससे भर्ती प्रक्रिया की शुद्धता और पवित्रता प्रभावित नहीं हुई?”
इन सवालों ने भर्ती की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह संकेत भी दे दिए हैं कि न्यायालय इस पूरे मामले को हल्के में नहीं ले रहा है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता हरेंद्र नील ने कोर्ट के समक्ष तर्क रखा कि इस भर्ती में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं और सबूत भी मौजूद हैं, फिर भी प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
मीडिया से बातचीत में अधिवक्ता नील ने कहा,
“हम चाहते हैं कि इस भर्ती को रद्द कर नए सिरे से निष्पक्ष तरीके से परीक्षा करवाई जाए, ताकि योग्य अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके।”
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए मंगलवार (8 जुलाई) की तारीख तय की है।
अब इस बहुचर्चित भर्ती से जुड़े हज़ारों अभ्यर्थी, फैसले की दिशा को लेकर न्यायालय की अगली कार्रवाई पर नज़र गड़ाए हुए हैं।