महिला संसद बनी सियासी स्क्रिप्ट का आईना – कौन बुलाया गया, कौन छूट गया..?

जयपुर।
भाजपा महिला मोर्चा की ओर से रविवार को नगर निगम ग्रेटर के लालकोठी स्थित सभागार में मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया गया, जिसमें महिला कार्यकर्ताओं ने पक्ष और विपक्ष की भूमिका निभाकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मंच पर जीवंत कर दिया।
कार्यक्रम के पहले सत्र में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को पहले ही 33% आरक्षण देकर उन्हें राजनीति में भागीदारी का पूरा अवसर दिया है और ऐसे आयोजन उनके आत्मविश्वास को और बढ़ाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि महिलाएं अब न केवल समाज की आवाज़ बन रही हैं बल्कि आने वाले समय में सदन की भी प्रभावशाली सदस्य होंगी।
इस मॉक पार्लियामेंट की खास बात यह रही कि इसमें वास्तविक राजनीतिक किरदारों को अभिनीत किया गया।
भाजपा उपाध्यक्ष नाहर सिंह ने नरेंद्र मोदी, पूजा कपिल ने जेपी नड्डा, सुमन शर्मा ने राहुल गांधी, अनुराधा माहेश्वरी ने अखिलेश यादव और कुसुम यादव ने डिंपल यादव की भूमिका निभाई।
दो सत्रों में चले इस आयोजन में महिलाओं ने अपने-अपने किरदारों को प्रभावशाली ढंग से निभाया, जिससे यह कार्यक्रम केवल मंचन नहीं बल्कि राजनीतिक प्रशिक्षण का अनुभव भी बना।
पूरा आयोजन इस तरह तैयार किया गया था मानो एक दिन के लिए देश की संसद जीवंत हो उठी हो।
❗ लेकिन मंच पर जो नहीं कहा गया, वही चर्चा का विषय बन गया…
कार्यक्रम के दौरान एक ऐसा क्षण भी आया जिसने पूरे आयोजन की सकारात्मकता के बीच असली राजनीति की परछाई दिखा दी। दीप प्रज्वलन के समय नगर निगम हेरिटेज की महापौर कुसुम यादव को मंच पर नहीं बुलाया गया, जबकि ऐसे आयोजनों में नगर निगम ग्रेटर की महापौर को आमंत्रित किया जाता रहा है। विपक्ष की भूमिका निभा रहीं कुछ महिलाओं ने आयोजन संयोजिका जयश्री गर्ग की ओर इशारा भी किया, पर इसे नजरअंदाज कर दिया गया।
इसके साथ ही नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर पूरे आयोजन से अनुपस्थित रहीं। इस अनुपस्थिति के पीछे कारण चाहे जो भी रहा हो — निमंत्रण नहीं मिला या स्वेच्छा से दूरी बनाई — परंतु यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब आयोजन भाजपा से जुड़ा था, तब पार्टी की ही महापौर कार्यक्रम से बाहर क्यों रहीं?