
जयपुर
जयपुर, 19 जून।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (मानद विश्वविद्यालय), जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में इस वर्ष 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को “योग संगम 2025” का भव्य आयोजन जयपुर के ऐतिहासिक स्थल जंतर-मंतर पर किया जाएगा। यह आयोजन भारत की प्राचीन योग परंपरा को विश्व मंच पर प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक सशक्त पहल है।
इस आयोजन की विशेष बात यह है कि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में अध्ययनरत 12 देशों के विदेशी छात्र-छात्राएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विशाखापट्टनम में होने वाले राष्ट्रीय योग कार्यक्रम में भाग लेंगे और भारत की योग-परंपरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व देंगे।
इसके साथ ही योग बंधन कार्यक्रम के तहत श्रीलंका, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका से विशेष रूप से आमंत्रित विदेशी पर्यवेक्षक भी जयपुर में इस आयोजन में भाग लेंगे।
“रन फॉर योगा” से शुरू हुआ जागरूकता अभियान
योग संगम की तैयारियों की कड़ी में गुरुवार सुबह 5:30 बजे “रन फॉर योगा” कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (जोरावर सिंह गेट) से शुरू होकर बड़ी चौपड़ होते हुए पुनः संस्थान परिसर में समाप्त हुआ। इसके बाद सामूहिक योगाभ्यास और जुम्बा डांस का आयोजन भी हुआ। इस अवसर पर संस्थान के चिकित्सकों, शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
योग केवल व्यायाम नहीं, जीवन का दर्शन: कुलपति प्रो. संजीव शर्मा
इस अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने कहा,
> “योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है। यह मानसिक संतुलन, आत्मिक उन्नयन और संपूर्ण स्वास्थ्य का मार्ग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आयुष मंत्रालय की पहल से योग अब एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। हमें गर्व है कि हमारे संस्थान के विदेशी छात्र भी इस सांस्कृतिक विरासत को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं।”
वहीं योग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. दुर्गावती देवी ने कहा,
> “योग जीवन जीने की एक शैली है, जो अनुशासन, संतुलन और आत्मचिंतन सिखाती है। इस महोत्सव के माध्यम से हम युवा पीढ़ी को योग के मूल सिद्धांतों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।”
इस ऐतिहासिक आयोजन में देश-विदेश के योग विशेषज्ञ, गणमान्य अतिथि, मीडिया प्रतिनिधि, आमजन तथा राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के चिकित्सक, शिक्षक, अधिकारी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
“योग संगम 2025” निश्चित ही भारत की योग-आध्यात्मिक चेतना को विश्व मंच पर मजबूती से प्रस्तुत करेगा।