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मिट्टी से आत्मनिर्भरता तक: माटी कला कामगारों को मिलेगा तकनीकी संबल, सरकार दे रही मुफ्त मशीनें व प्रशिक्षण ।

2000 विद्युत चालित चाक एवं 2000 मिट्टी गूंथने की मशीनें निःशुल्क वितरित की जाएंगी।

जयपुर

राजस्थान सरकार द्वारा माटी कला कामगारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। वर्ष 2025-26 की बजट घोषणा के तहत प्रदेश भर के 200 विधानसभा क्षेत्रों व 41 जिलों के चयनित माटी कला कामगारों को 2000 विद्युत चालित चाक एवं 2000 मिट्टी गूंथने की मशीनें निःशुल्क वितरित की जाएंगी। इस योजना की शुरुआत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से हो चुकी है, जिसे माटी कला बोर्ड के पोर्टल पर शुरू किया गया है।

गवर्निंग बोर्ड की 28 मई को हुई बैठक के पश्चात 21 जून 2025 को राजसमंद जिले में पहला जागरूकता शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस शिविर में जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों से आए ऑनलाइन आवेदनों के आधार पर पात्र कामगारों का चयन किया जाएगा। चयन प्रक्रिया विधानसभा क्षेत्रवार प्राथमिकता, पात्रता और लॉटरी प्रणाली पर आधारित होगी।

प्रशिक्षण और वितरण प्रक्रिया

चयनित लाभार्थियों को 10 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर में माटी कला की विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके पश्चात उन्हें विद्युत चालित चाक और मिट्टी गूंथने की मशीन का सेट निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। राज्य के अन्य जिलों में भी इसी तरह के जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे ताकि समय पर बजट घोषणा का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।

बोर्ड के अन्य प्रमुख प्रयास

राज्य सरकार व माटी कला बोर्ड द्वारा कामगारों के व्यापक सशक्तिकरण हेतु कई अन्य प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. माटी के बर्तनों को पकाने के लिए धुआं रहित तकनीक जैसे तंदूर भट्टियों व फाइबर क्लोथ के उपयोग के प्रति जागरूकता।
  2. प्रदर्शन व विपणन हेतु प्रोत्साहन, विशेषकर मिट्टी के बर्तनों, खिलौनों आदि के लिए।
  3. “माटी के लाल” पुरस्कार के लिए कलाकारों से आवेदन आमंत्रित।
  4. प्रशिक्षक प्रशिक्षण और प्रमाणीकरण की शुरुआत, ताकि गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित हो सके।
  5. प्रशिक्षण शिविरों के संचालन हेतु पंजीकृत अनुभवी संस्थाओं से आवेदन आमंत्रित, चयनित संस्थाओं को बोर्ड से जोड़ा जाएगा।
  6. रेलवे स्टेशन, बस अड्डे व आरटीडीसी होटलों में मिट्टी के कुल्हड़ व कप के उपयोग को बढ़ावा देने की कार्ययोजना।
  7. स्कूलों में माटी कला कार्यशालाओं का आयोजन कर नई पीढ़ी को परंपरागत कला से जोड़ने का प्रयास।

“मुख्यमंत्री माटी कला कामगार रोजगार सशक्तिकरण योजना”

राज्य सरकार द्वारा एक व्यापक योजना – मुख्यमंत्री माटी कला कामगार रोजगार सशक्तिकरण योजना – का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, जिसे गवर्निंग बोर्ड की बैठक में मंजूरी देकर राज्य सरकार को भेजा जा चुका है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कुम्हारों व माटी कला दस्तकारों की आय को दोगुना करना, बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना व गरीबी रेखा से ऊपर उठाना है।

 

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