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स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता सन्न, मंत्री बोले – भरोसा रखो, सिस्टम अब फेल नहीं होगा….?

जयपुर।
राजस्थान में स्मार्ट मीटर को लेकर एक बार फिर सियासत गर्मा गई है। उपभोक्ता जहां नई तकनीक से उलझे और असहज नजर आ रहे हैं, वहीं सरकार इसे भविष्य का भरोसेमंद समाधान बता रही है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कहा – “अब न बिल में गड़बड़ी होगी, न रीडिंग में गलती। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को पारदर्शी और सटीक सेवा मिलेगी।”

उपभोक्ताओं में संदेह, सरकार को भरोसा

राज्यभर में स्मार्ट मीटर लगने के बाद से कई उपभोक्ता असमंजस में हैं। कभी रीडिंग बढ़ी हुई दिखती है, तो कभी बिल अनुमान से ज्यादा आता है। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं – “क्या ये सुविधा है या सिरदर्द?”

इस पर ऊर्जा मंत्री का जवाब स्पष्ट था –
“यह योजना उपभोक्ताओं के हित में है। यह वही प्रक्रिया है, जो पहले की सरकार ने शुरू की थी। हम तो सिर्फ उसे व्यवस्थित रूप से लागू कर रहे हैं।”

मंत्री नागर ने स्मार्ट मीटर के फायदे गिनाते हुए कहा—

अब मैन्युअल रीडिंग की जगह स्वचालित सिस्टम काम करेगा , डिजिटल रिचार्ज, रीयल टाइम खपत मॉनिटरिंग, और , उपभोक्ताओं को बिलिंग में पारदर्शिता, बिजली का खुद का बजट तय करने की सुविधा, शिकायतों का त्वरित समाधान भी संभव होगा , उन्होंने दावा किया कि स्मार्ट मीटर से न केवल उपभोक्ता, बल्कि बिजली कंपनियों को भी राहत मिलेगी।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह तकनीक बिजली कंपनियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।

राजस्व वसूली मजबूत होगी, तकनीकी हानि में कमी आएगी , रिमोट से कनेक्शन/डिस्कनेक्शन संभव होगा , कुल मिलाकर पूरी प्रक्रिया डिजिटल और जवाबदेह बनेगी ,

मुफ्त बिजली योजना जारी रहेगी

कुछ उपभोक्ताओं की चिंता थी कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद राज्य सरकार की 100 यूनिट फ्री बिजली योजना बंद हो जाएगी। इस पर मंत्री ने स्पष्ट किया –
“न तो योजना बंद हो रही है और न ही कटौती होगी। बल्कि हम इसे पीएम सूर्यघर योजना से जोड़ते हुए 150 यूनिट तक फ्री करने की योजना बना रहे हैं।”

जहां उपभोक्ता अभी तक स्मार्ट मीटर के ‘स्मार्ट’ होने को लेकर असमंजस में हैं, वहीं सरकार पूरी ताकत से तकनीकी पारदर्शिता और भविष्य की तैयारी का दावा कर रही है।

अब देखने वाली बात ये है कि सिस्टम वाकई फेल नहीं होगा, या फिर उपभोक्ता का भरोसा फिर किसी झटके का इंतज़ार कर रहा है।

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