धर्मयुवाराजनीतिराजस्थानराज्यलोकल न्यूज़

महापौर ने नहीं खिलाई दाल-बाटी, लेकिन खूब खिलाई पुलिस की लाठी …?

जयपुर।
110 साल बाद जयपुर में जिस ज्यौणार आयोजन नगर निगम हैरिटेज की महापौर कुसुम यादव ने कराया, वह जयपुर की जनता के लिए गर्व नहीं, गहरा अपमान बनकर सामने आया। दावे थे कि 50 हजार लोगों को दाल-बाटी-चूरमा परोसा जाएगा, लेकिन हकीकत में लोगों को ना खाना मिला, ना सम्मान—मिली तो सिर्फ पुलिस की लाठी।

कार्यक्रम समय पर दोपहर 12 बजे शुरू कर दिया गया था। शुरुआत में माहौल शांत था। अग्रवाल कॉलेज में सुबह का समय ठीक-ठाक गुजरा, लोगों को आराम से बैठाकर भोजन परोसा गया। उस वक्त भीड़ सीमित थी और व्यवस्था कुछ हद तक काबू में थी। लेकिन समस्या तब शुरू हुई जब दोपहर ढलते-ढलते जयपुर के अलग-अलग हिस्सों से लोग आयोजन स्थल की ओर आने लगे।

करीब शाम 4 बजे के बाद भीड़ तेजी से बढ़ने लगी। आयोजकों की ओर से सिर्फ दो बड़े डोम लगाए गए थे, जिनमें 50 हजार लोगों के बैठने और भोजन की व्यवस्था का दावा किया गया था। हर डोम में एक साथ करीब 4 हजार लोगों के बैठने की क्षमता थी, और दिनभर लोग आते गए, खाते गए।

> तो फिर ऐसा क्या हुआ कि शाम होते-होते आयोजकों के हाथ-पांव फूल गए?
क्या टिकटें कम वितरित की गई थीं और दावा ज्यादा कर दिया गया?
क्या आम जनता को 20–30 हजार टिकट देकर VIP पास उम्मीद से कहीं ज्यादा बांट दिए गए?
क्या VIP संस्कृति ने आम जनता को पीछे धकेल दिया और अव्यवस्था हावी हो गई?

रात करीब 8 बजे स्थिति इतनी बिगड़ी कि गेट बंद करने पड़े। हजारों लोग बाहर खड़े रह गए। टिकट होने के बावजूद एंट्री नहीं मिली, और जब लोगों ने सवाल पूछे, तो जवाब मिला पुलिस की लाठियों के रूप में।

महापौर कुसुम यादव ने जयपुर शहर की हर दीवार, चौराहे और होर्डिंग में खुद को संस्कृति की रक्षक के रूप में दिखाया, लेकिन सड़कों पर टूटे भरोसे, लहूलुहान सम्मान और आक्रोशित जनता ने बता दिया कि प्रचार और प्रबंधन में जमीन-आसमान का फर्क होता है।

कार्यक्रम संयोजक अजय यादव को भी जवाब देना होगा कि अगर उन्हें अनुमान था कि भीड़ सीमित से बाहर जाएगी, तो फिर खुला निमंत्रण क्यों दिया गया?

यह आयोजन, जो 110 साल पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करने का दावा कर रहा था, अब एक विवाद, अपमान और प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बन गया है।

महापौर कुसुम यादव ने कहा था कि 110 साल बाद विरासत को फिर से दोहराया जा रहा है,
लेकिन उन्होंने जयपुर की जनता को लाठी खिला कर एक नया इतिहास ही रच दिया है।

नोट: इस समाचार में प्रयुक्त वीडियो सोशल मीडिया से लिया गया है और प्रकाशित फ़ोटो भी उसी वीडियो से स्क्रीनशॉट लेकर उपयोग में ली गई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!