
डीग/भरतपुर।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुपूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गिरिराजधाम की पावन भूमि पर अपनी श्रद्धा और सेवा भाव को प्रस्तुत किया। बुधवार को वे मुड़िया पूर्णिमा मेले के अवसर पर डीग जिले के पूंछरी का लौठा पहुंचे, जहां उन्होंने श्रीनाथ जी मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर हमारी आस्था और संस्कृति के केंद्र हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार प्रदेश के मंदिरों और तीर्थ स्थलों के विकास के लिए समर्पित है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह स्पष्ट दृष्टिकोण है कि विकास और विरासत साथ-साथ चलने चाहिए, और राजस्थान इसी सोच को आत्मसात कर रहा है।
गुरुओं को नमन और श्रद्धालुओं से संवाद
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में गुरु का स्थान सर्वोपरि होता है, जो जीवन के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। उन्होंने बताया कि वे पिछले 25 वर्षों से लगातार मुड़िया पूर्णिमा के अवसर पर गिरिराज जी की परिक्रमा करने आते रहे हैं।
इस दौरान सप्तकोसी गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर उन्होंने श्रद्धालुओं से संवाद किया, प्याऊ पर जल सेवा की और भक्तों को भंडारे की प्रसादी वितरित की।
सेवा, परंपरा और पर्यावरण का संदेश
मुख्यमंत्री ने पूंछरी के श्रीनाथ मंदिर में गुरुजनों का सम्मान किया और मंदिर परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी प्रकट की। इसके बाद गिरिराज भगवान की पूजा की और गायों को गुड़ खिलाकर भारतीय परंपरा का निर्वाह किया।
गिरिराज से जुड़ी आत्मीयता और विकास का वादा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरिराज जी की परिक्रमा उनके लिए केवल धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि एक आत्मीय अनुभूति है, जो उन्हें जीवन के हर पड़ाव पर ऊर्जा और मार्गदर्शन देती है।
उन्होंने घोषणा की कि जो 1.5 किलोमीटर की राजस्थान सीमा इस क्षेत्र से लगती है, उसे पूरी तरह से विकसित किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री अपने गांव लुधावई पहुंचे, जहां स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में उन्होंने पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-शांति की कामना की।