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जयपुर की धरा पर फिर सजेगी रियासत — 50 हज़ार लोगों की ‘ज्यौणार’

जयपुर की सांस्कृतिक परंपराओं को फिर से जीवंत करने की कोशिश के तहत रविवार को सांगानेरी गेट स्थित अग्रवाल कॉलेज ग्राउंड में रियासतकालीन परंपरा ‘ ज्यौणार’ महाभोज) का भव्य आयोजन किया जा रहा है। राजा-महाराजा के जमाने में जैसे प्रजा को आमंत्रित कर ज्यौणार की जाती थी, उसी परंपरा को आधुनिक अंदाज़ में फिर से सजाया गया है।

इस ऐतिहासिक ज्यौणार में देसी घी में बने पारंपरिक दाल-बाटी-चूरमा सहित व्यंजनों से 50 हजार से ज्यादा लोगों को भोजन कराया जाएगा। इसके लिए 500 अनुभवी हलवाइयों की टीम दो दिन से दिन-रात कंडों पर भोजन तैयार कर रही है। जयपुर हैरिटेज महापौर कुसुम यादव ने 11 जुलाई को पूजा कर इस ज्यौणार रसोई की शुरुआत की थी।

भोजन व्यवस्था के लिए 12,500 किलो आटा-बेसन, 1500 किलो दाल, 1200 किलो मावा, 1200 किलो शक्कर, 160 पीपा देसी गाय का घी, 100 किलो लाल मिर्च, 50 किलो हल्दी, 50 किलो गरम मसाला और 500 किलो ताजा सब्जियां उपयोग की जा रही हैं। भोजन पूरी शुद्धता और पारंपरिक अंदाज़ में हरे पत्तल व दोनों में परोसा जाएगा — जैसे रियासतकाल में ज्यौणार में होता था।

बारिश की संभावना को ध्यान में रखते हुए तीन बड़े वाटरप्रूफ डोम लगाए गए हैं, जिनमें 1000 टेबल-कुर्सियों की व्यवस्था है। एक साथ 4000 लोग आराम से बैठकर भोजन कर सकते हैं। यह सेवा दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक चलेगी। 700 वेटर्स ज्यौणार और 200 सहायक कर्मचारी आयोजन को सफल बनाने में लगे हैं।

इस ज्यौणार प्रवेश सिर्फ पहले से वितरित कूपन के माध्यम से होगा। कूपन गोविंद देवजी, गोपीनाथ मंदिर, ताड़केश्वर महादेव और चांदपोल हनुमान मंदिर सहित कई स्थलों से 50 हजार लोगों को दिए जा चुके हैं। हर कूपन के साथ एक लकी ड्रॉ भी जुड़ा है, जिसमें LED TV, फ्रिज, कूलर, मिक्सर और चांदी के सिक्कों सहित कई आकर्षक इनाम दिए जाएंग ।

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