
जयपुर।
राजस्थान में एक दलित युवक के साथ हुई अमानवीय घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। अलवर से युवक का अपहरण कर बूंदी ले जाया गया, जहां उसे पूरी तरह निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया गया और वह वीडियो उसके परिवार को भेज दिया गया। यह वीडियो इतना भयावह है कि देख पाना भी मुश्किल है।
घटना को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरी चिंता जताई है और सरकार पर करारा हमला बोला है।
गहलोत ने कहा –
“मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा वीडियो पहली बार देखा है। यह सिर्फ किसी एक युवक का नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत का अपमान है। जहां ऐसी हिम्मत अपराधियों में आ जाए कि किसी को नंगा कर वीडियो बना दें और सरकार चुप बैठी रहे, वहां शासन किस बात का जश्न मना रहा है?”
उन्होंने आगे कहा –
“ये घटना बताती है कि डेढ़ साल की सरकार में कानून व्यवस्था किस हाल में है। अगर अभी से ये स्थिति है, तो आगे क्या होगा प्रदेश का?”
गहलोत ने यह भी कहा कि आज ही मुख्यमंत्री का एक लेख एक प्रमुख अखबार में छपा है जिसमें उन्होंने अपनी सरकार की ‘उपलब्धियों’ की बात की है। इस पर उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा –
“जिस दिन सरकार अपना गुणगान अखबार में छपवा रही थी, उसी दिन ऐसे वीभत्स मामले भी सामने आए। सीएमओ और सूचना विभाग को कम से कम इतना तो मैनेज करना चाहिए था कि जिस दिन आत्मप्रशंसा करें, उसी दिन इंसानियत को नंगा होते न दिखे।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने पूरे घटनाक्रम को सरकार की नाकामी और असंवेदनशीलता का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि जब अपराधी बेलगाम हों, जब पीड़ित की चीख भी न सुनी जाए, और जब दलित समाज की अस्मिता तक कुचल दी जाए — तो ये शासन नहीं, अराजकता होती है।
इस घटना को लेकर राजनीतिक गलियारों में उबाल है, वहीं आमजन में गुस्सा और डर दोनों तेजी से फैल रहे हैं। अब प्रदेश पूछ रहा है — क्या यही है “नया राजस्थान”?