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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में चार महिलाएं, फैसला इतिहास रचने वाला होगा !

नई दिल्ली। / जयपुर / राजनीतिक संवाददाता /

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी अंतिम चरण में है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है और अब पार्टी जल्द ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा करने जा रही है। लेकिन इस बार पार्टी एक ऐसा फैसला ले सकती है जो न केवल संगठन के इतिहास में पहली बार होगा, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी एक नया अध्याय जोड़ेगा — भाजपा में पहली बार किसी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना जोर पकड़ चुकी है।

सूत्रों के अनुसार, भाजपा शीर्ष नेतृत्व चार प्रमुख महिला नेताओं के नामों पर गंभीर मंथन कर रहा है। इनमें तीन नेता दक्षिण भारत से हैं, जबकि एक नाम उत्तर भारत की कद्दावर नेता और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का है।

चार महिला चेहरे जो बदल सकते हैं भाजपा की दिशा:

1. निर्मला सीतारमण (तमिलनाडु):
मौजूदा वित्त मंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री। संगठन में अनुशासन और नीति निर्माण में गहरी समझ के लिए जानी जाती हैं। दक्षिण भारत से आने के कारण भाजपा के क्षेत्रीय विस्तार एजेंडे में फिट बैठती हैं।

2. डी. पुरंदेश्वरी (आंध्र प्रदेश):
भाजपा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, बहुभाषी, अनुभवी और सौम्य छवि वाली नेता। “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक अभियानों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

3. वनाथी श्रीनिवासन (तमिलनाडु):
कोयंबटूर दक्षिण से विधायक और भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष। 1993 से पार्टी से जुड़ीं और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनने वाली पहली तमिल महिला नेता।

4. वसुंधरा राजे सिंधिया (राजस्थान):
राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं और वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष। संगठन, जनता और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच अब भी उनकी जबरदस्त पकड़ है। सूत्रों के अनुसार, आलाकमान उनके नाम पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

महिला अध्यक्ष: भाजपा के लिए प्रतीकात्मक नहीं, रणनीतिक फैसला होगा

अगर भाजपा इस बार महिला अध्यक्ष चुनती है, तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 33% महिला आरक्षण नीति का संगठनात्मक विस्तार माना जाएगा। यह न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगा, बल्कि पार्टी की निर्णय लेने की दृढ़ता और सामाजिक संतुलन को भी दर्शाएगा।

निष्कर्ष:

भाजपा की कमान किस महिला के हाथ में जाएगी, यह तो समय बताएगा। लेकिन यह तय है कि अगर इनमें से किसी एक को चुना जाता है, तो यह फैसला सिर्फ नेतृत्व बदलने का नहीं, बल्कि भविष्य की राजनीति को एक नई दिशा देने वाला कदम साबित होगा।

 

नोट – फ़ोटो गूगल से ली गई है ।

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