टोंक में प्रधान की दबंगई: गरीब पर टूटा सत्ता का कहर, वीडियो देखें कैसे असहाय पर बरसी हैवानियत ।
टोंक में प्रधान की दबंगई! चोरी के शक में दो मजदूरों को फार्म हाउस में बेरहमी से पीटा, वीडियो वायरल ।

जयपुर / निवाई / टोंक
नोट: अपडेट भारत 24×7 इस वायरल वीडियो और घटना की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता है।
जयपुर/टोंक। टोंक जिले की निवाई पंचायत समिति से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें क्षेत्र के प्रधान रामावतार लांगड़ी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में प्रधान दो मजदूरों को डंडों और बेल्ट से बेरहमी से पीटते नजर आ रहा है। मजदूरों पर फार्म हाउस से चोरी का आरोप लगाया गया था, लेकिन मारपीट का जो दृश्य सामने आया है, उसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
घटना निवाई क्षेत्र के एक निजी फार्म हाउस की है, जहां दोनों मजदूर काम करते थे। चोरी के शक में प्रधान ने उन्हें फार्म हाउस बुलाया और कथित रूप से बंधक बनाकर घंटों तक पूछताछ की। इसी दौरान प्रधान ने खुद हाथ में बेल्ट और डंडा लेकर पीटना शुरू कर दिया। वीडियो में मजदूरों की चीख-पुकार साफ सुनी जा सकती है। इनमें से एक मजदूर की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों में गुस्सा भड़क उठा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रधान की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है और सवाल उठाया है कि क्या किसी जनप्रतिनिधि को कानून हाथ में लेने का हक है? क्या कानून की जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस की नहीं है?
चौंकाने वाली बात यह है कि वीडियो सामने आने के बावजूद अब तक निवाई थाने में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और न ही प्रधान से पूछताछ की गई है। इस पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रधान के रसूख के आगे पुलिस भी नतमस्तक है?
कानूनी जानकारों के अनुसार इस घटना में भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराएं लग सकती हैं, जिनमें बंधक बनाना, शारीरिक उत्पीड़न, धमकी देना और जबरन कबूल करवाने जैसे अपराध शामिल हैं। इसके बावजूद पुलिस की निष्क्रियता कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
इस घटना पर मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी नाराजगी जताई है और प्रशासन से मांग की है कि पीड़ितों को न्याय दिलाया जाए तथा आरोपी प्रधान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
फिलहाल यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है और लोग यह जानना चाह रहे हैं कि निवाई पुलिस आखिर कब तक कार्रवाई से मुंह मोड़े रहेगी?