सनातन भारत राष्ट्र संस्थान ने वितरित किया 120 किलो दूध से तैयार मिल्क रोज ।
निर्जला एकादशी पर पुण्य और परोपकार का संगम ।

जयपुर
जयपुर, 7 जून।
सनातन परंपराओं में अत्यंत पुण्यकारी मानी जाने वाली निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर आज जयपुर शहर में भक्ति, सेवा और परोपकार का अद्भुत संगम देखने को मिला। जहां एक ओर श्रद्धालु दिनभर निर्जल व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना में लीन रहे, वहीं दूसरी ओर शहर की कई संस्थाओं और संगठनों ने तपती दोपहरी में राहगीरों को शीतलता देने का सुंदर उपक्रम किया।
शहर भर में अनेक स्थानों पर मिल्क रोज, आम की छाछ, आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक वितरित किए गए। इसी क्रम में सनातन भारत राष्ट्र संस्थान द्वारा 120 किलो दूध से तैयार मिल्क रोज का वितरण कर भक्ति और सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया गया।
संस्थान के अध्यक्ष रवि सैनी ने बताया,
> “हम हर वर्ष निर्जला एकादशी के अवसर पर इस सेवा आयोजन को करते हैं। जब हमने शुरुआत की थी, तब मात्र 10 किलो दूध से शुरुआत की गई थी, और आज यह संख्या 120 किलो से भी ऊपर पहुंच चुकी है। यह सब प्रभु कृपा और जनसहयोग का परिणाम है।”
इस बार तैयार किए गए मिल्क रोज में 40 किलो बेस पाउडर, 80 किलो चीनी, 120 किलो शुद्ध दूध, 10 किलो काजू, 10 किलो बादाम और 100 ग्राम केसर का उपयोग किया गया, जिससे यह शीतल पेय स्वाद और ऊर्जा का उत्तम समन्वय बन गया।
सेवा कार्य में संस्थान के पदाधिकारी बजरंग खंडेलवाल, महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष राजकुमारी ब्रह्मभट्ट, संस्थान के स्थापक हंस ब्रह्मभट्ट, महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष मंजू शर्मा और नरेंद नायक ,विक्रम पंवार ने मिल्क रोज वितरण में सक्रिय भागीदारी निभाई।
निर्जला एकादशी, सभी एकादशियों में सबसे अधिक पुण्यदायी मानी जाती है। इस दिन श्रद्धालु बिना जल ग्रहण किए व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही इस दिन प्यासे को जल या शीतल पेय पिलाना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।
जयपुर में आज का यह आयोजन केवल सेवा नहीं, बल्कि यह संदेश भी था कि धार्मिक आस्था के साथ यदि परोपकार जुड़ जाए, तो समाज के हर स्तर पर सुख, शांति और सद्भाव की स्थापना संभव है।