सड़कों पर उतरी आयुक्त, हेरिटेज में गंदगी पर सर्जिकल स्ट्राइक या सिर्फ पहला शो ?
यह सिर्फ पहले दिन की चमक है या वाकई बदलाव की शुरुआत ?

जयपुर। राजस्थान में हुए प्रशासनिक फेरबदल के बाद नगर निगम हैरिटेज की कमान संभालने वाली नई आयुक्त डॉ. निधि पटेल ने पहले ही दिन ऐसा कदम उठाया जिससे निगम के गलियारों में हलचल मच गई। पदभार ग्रहण करने के महज 12 घंटे बाद ही मंगलवार सुबह 6 बजे आयुक्त खुद फील्ड में उतर आईं।
बनीपार्क, सुभाष नगर, दूध मंडी और कलेक्ट्री सर्कल जैसे क्षेत्रों का निरीक्षण कर डॉ. पटेल ने नगर निगम की सफाई व्यवस्था की जमीनी हकीकत को परखा। कई जगह गंदगी मिलने पर मौके पर ही स्वास्थ्य निरीक्षकों को तलब किया गया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण से लेकर समयबद्ध सफाई तक, हर पहलू पर आयुक्त ने सख्त रुख अपनाया।
उन्होंने कहा कि—
> “सार्वजनिक स्थानों पर अब कचरा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सफाई में लापरवाही नहीं चलेगी और लगातार औचक निरीक्षण किए जाएंगे।”
लेकिन सवाल यहीं से शुरू होता है— क्या यह सिर्फ पहले दिन की चमक है या वाकई बदलाव की शुरुआत?
जयपुरवासियों ने इससे पहले भी कई आयुक्तों को आते ही इसी तरह फील्ड में उतरते देखा है। हर बार शुरुआत में सफाई पर जोर, अधिकारियों की क्लास और फिर कुछ ही दिनों में सब ठंडा। नाली कीचड़ में फिर से ढाक के वही तीन पात।
नगर निगम की असली चुनौती सिर्फ आयुक्त के दौरे नहीं, बल्कि उस पूरे तंत्र को सक्रिय करना है जो सालों से ढीली चाल से चल रहा है। ज़मीनी अधिकारी, सफाईकर्मी और फील्ड स्टाफ जब तक ईमानदारी से काम नहीं करेंगे, तब तक यह “सर्जिकल स्ट्राइक” सिर्फ एक फोटो ऑप से ज़्यादा कुछ नहीं बन पाएगी।
जयपुर की जनता अब जागरूक है— वे फील्ड में आयुक्त को देखकर खुश तो हैं, पर भरोसा तभी होगा जब यह सक्रियता सप्ताहों और महीनों तक टिकेगी।