टॉप न्यूज़दुनियादेश

जिस्म बिकते हैं… पर ख्वाहिशें नहीं ?

2 जून: इंटरनेशनल सेक्स वर्कर्स डे पर एक जरूरी पड़ताल ।

 


🟥 “जिस्म बिकते हैं… पर ख्वाहिशें नहीं”

“वो औरतें जो गुनाह नहीं करतीं,
मगर सज़ा हमेशा उन्हें ही मिलती है…”

आज 2 जून है — इंटरनेशनल सेक्स वर्कर्स डे।
ये दिन उन लाखों महिलाओं के नाम है, जो समाज के सबसे उपेक्षित हिस्से में होने के बावजूद जिंदा रहने की लड़ाई लड़ती हैं — सेक्स वर्कर्स।

आप सोच सकते हैं — “किस पेशे के लिए यह दिन?”
पर सच्चाई यह है कि वेश्यावृत्ति:

  • भारत में अपराध नहीं है
  • यह दुनिया के सबसे पुराने पेशों में से है
  • और आज दुनिया भर में 300 से ज़्यादा संगठन सेक्स वर्कर्स के हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं

न अपराध, न इज्ज़त — बीच की ज़िंदगी

सेक्स वर्कर्स की ज़िंदगी न सफेद होती है, न काली — बस धुंधली सी एक दुनिया।
भारत में पैसे लेकर सहमति से सेक्स करना अपराध नहीं है,
लेकिन वेश्यालय चलाना, ग्राहक बुलाना या जबरदस्ती कराना गैरकानूनी है।

2022 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक टिप्पणी की थी:

“सेक्स वर्क एक पेशा है। इसमें काम करने वाली महिलाओं को संविधान प्रदत्त सभी मौलिक अधिकार मिलने चाहिए।”

फिर भी पुलिसिया कार्रवाई, सामाजिक नफरत और परिवार की बेदखली आज भी इनका हिस्सा है।

मजबूरी नहीं, कभी-कभी चॉइस भी होती है

हर सेक्स वर्कर मजबूरी में नहीं आती।
कोई घरेलू हिंसा से भागकर इस पेशे को अपनाती है,
कोई मां बच्चों की फीस के लिए,
तो कोई अपनी आज़ादी की खातिर — न समाज की गुलामी, न मर्द की।

यह ‘चॉइस’ भले सुविधाजनक न हो, पर कई बार ‘कम बुरे’ विकल्प में से चुना गया रास्ता होती है।

ना दया चाहिए, ना घृणा — सिर्फ बराबरी

सेक्स वर्कर्स कहती हैं:

“हमें बचाने की नहीं, समझने की ज़रूरत है।
हमें दया नहीं, बराबरी चाहिए।”

हम जिस पेशे को घृणा से देखते हैं,
वहीं किसी के घर का चूल्हा जलाता है,
किसी की दवा बनता है, किसी बच्चे की किताब।

आज सिर्फ एक सवाल

क्या हम सेक्स वर्कर को भी एक इंसान की तरह देख सकते हैं?
बिना जज किए, बिना हिकारत?

अगर जवाब “हां” है — तो इंटरनेशनल सेक्स वर्कर्स डे का मकसद पूरा हुआ।

आखिर में — एक पंक्ति जो सब कह देती है:

“Sex work is work.”
जिस्म बिकते हैं, पर ख्वाहिशें नहीं… और इज्ज़त कभी बिकती ही नहीं।

 


 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!