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“जब पुलिस ने छोड़ा हाथ, तब BJP अध्यक्ष बने सहारा — माँ-बेटी की चीखें क्या अब सरकार सुनेगी?”

पूनम सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार सोडाला पुलिस थाने के चक्कर काटे लेकिन पुलिस ने न तो उनकी बात सुनी, न ही मामले को गंभीरता से लिया।

जयपुर / क्राइम / राजनीति 

जयपुर के गौरव नगर निवासी 80 वर्षीय हरबीर कौर और उनकी बेटी पूनम सिंह न्याय की आस में भटकती-भटकती आखिरकार आज भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर से मिलीं। दोनों पीड़ित महिलाओं ने प्रदेशाध्यक्ष को अपने ऊपर हुए अत्याचारों की दास्तान सुनाई — जिसमें मारपीट, गाली-गलौच, जान से मारने की धमकी और CCTV कैमरे तोड़ने जैसी गंभीर घटनाएं शामिल हैं।

पूनम सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार सोडाला पुलिस थाने के चक्कर काटे लेकिन पुलिस ने न तो उनकी बात सुनी, न ही मामले को गंभीरता से लिया। “जब आखिरकार एफआईआर दर्ज हुई, तो उसमें ऐसी धाराएं लगाई गईं जिनकी कोई कानूनी ताकत नहीं है,” पूनम ने कहा।

पूनम ने आरोप लगाया कि एक ओर मुख्यमंत्री महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, वहीं दूसरी ओर वे और उनकी वृद्ध माँ न्याय के लिए भटक रही हैं। “हमारा मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन इसके बावजूद हमें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है,” ।

पीड़ित महिलाओं ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर से न्याय की गुहार लगाई। मदन राठौर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसीपी दिगंत आनंद से फोन पर वार्ता की और पीड़िताओं को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

“भाजपा अध्यक्ष से मिलकर थोड़ी राहत तो मिली है, पर अब देखना ये है कि प्रशासनिक स्तर पर क्या कार्रवाई होती है,” पूनम ने उम्मीद जताई।

यह मामला एक बार फिर पुलिस की निष्क्रियता और पीड़ित महिलाओं की उपेक्षा की ओर इशारा करता है। क्या अब प्रशासन जागेगा? क्या बुज़ुर्ग महिला और उनकी बेटी को न्याय मिलेगा? आने वाले दिन इस सवाल का जवाब देंगे।

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