
जयपुर
राज्य में शिक्षा और रोजगार की नीतियों को लेकर युवा वर्ग का असंतोष एक बार फिर सड़कों पर दिखाई दिया। बुधवार को जयपुर के महेश नगर स्थित JDA पार्क में सैकड़ों अभ्यर्थियों ने आँखों पर काली पट्टी बाँधकर मौन प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन किसी एक परीक्षा की नहीं, बल्कि व्यवस्था की आँखों पर पड़ी पर्देदारी के खिलाफ एक प्रतीक था।
इस शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व युवा बेरोजगार नेता मनोज मीणा ने किया। उन्होंने सरकार से माँग की कि फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा की तिथि को बदला जाए, क्योंकि वह UGC-NET जैसी राष्ट्रीय परीक्षा से टकरा रही है।
“सरकार ने फॉर्म भरवाया, लेकिन अब बाहर कर रही है”
मनोज मीणा ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि बड़ी संख्या में युवा अभी B.Ed और M.A. फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। सरकार ने इन ‘अपेयरिंग’ छात्रों से आवेदन शुल्क लेकर फॉर्म भरवाए, लेकिन अब रिजल्ट न आने के आधार पर उन्हें परीक्षा से बाहर किया जा रहा है, जो न केवल अनुचित है, बल्कि लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
“ये प्रदर्शन नहीं, चेतावनी है”
अभ्यर्थियों ने पोस्टर-बैनरों के साथ सरकार को यह संदेश दिया कि अगर माँगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
मनोज मीणा ने स्पष्ट रूप से कहा,
“हमने शांतिपूर्ण विरोध का रास्ता चुना है, लेकिन अगर यह अंधा सिस्टम नहीं जागा तो अगली बार आवाज़ गूंजेगी पूरे राजस्थान में।”
यह विरोध सिर्फ परीक्षा तिथि का मामला नहीं है, यह उस टूटते भरोसे की आवाज़ है जिसे युवा हर दिन अपने भविष्य के लिए लड़ते हुए महसूस करते हैं। अब सरकार को तय करना है – आँखें खोलनी हैं या पर्दा और खींचना है।