अजूबा मित्र मंडली ने 100 किलो दूध से बनाई केसरिया ठंडाई ।
निर्जला एकादशी पर जयपुर में भक्ति, सेवा और ठंडाई की छाया ।

जयपुर
जयपुर, 7 जून।
सनातन परंपराओं में अत्यंत पुण्यकारी मानी जाने वाली निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर आज जयपुर शहर में भक्ति और सेवा का अनुपम संगम देखने को मिला। जहां एक ओर श्रद्धालु दिनभर निर्जल व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना में लीन रहे, वहीं दूसरी ओर शहर की कई संस्थाओं और संगठनों ने तपती दोपहरी में राहगीरों को शीतलता देने का सुंदर उपक्रम किया।
शहर भर में अनेक जगहों पर केसरिया ठंडाई, मिल्क रोज, आम की छाछ, आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक वितरित की गई। सेवा के इस क्रम में ‘अजूबा मित्र मंडली’ का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने 100 किलो दूध से बनी केसरिया ठंडाई का वितरण कर जनसेवा और आस्था का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया।
विनोद कुमार टेलर, जो इस मंडली के प्रमुख सेवाभावी हैं, ने बताया,
> “हम हर वर्ष निर्जला एकादशी पर इस ठंडाई सेवा का आयोजन करते हैं। शुरुआत में मात्र 10 किलो दूध से ठंडाई बनती थी, आज ईश्वर की कृपा और जनसहयोग से हम 100 किलो दूध तक पहुंच चुके हैं। यह सेवा भावना ही हमारी संस्था की पहचान है।”
इस बार तैयार की गई ठंडाई में 40 किलो ठंडाई पाउडर, 80 किलो चीनी, 100 किलो शुद्ध दूध, 10 किलो काजू, 10 किलो बादाम और 100 ग्राम केसर का उपयोग किया गया — जो स्वयं इस सेवा की भव्यता और श्रद्धा का प्रतीक है।
निर्जला एकादशी, सभी एकादशियों में सबसे अधिक फलदायी मानी जाती है। इस दिन व्रती बिना जल के उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। यह दिन दान-पुण्य, सेवा और आत्मशुद्धि का पर्व माना जाता है, और आज जयपुर में इसी भावना को अनेक संगठनों ने साकार किया।
आस्था, सेवा और भाईचारे के इस सुंदर संगम ने यह संदेश दिया कि धार्मिक पर्व सिर्फ व्रत और पूजा तक सीमित नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के लिए सेवा का अवसर भी हैं।