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सोने से लदे ‘फूलसा’ पानवाले: बीकानेर की शान, पान की जान बीकानेर की आन ।

फूलसा जी रोजाना करीब 400 से 500 ग्राम सोना पहनते हैं, जिसकी कीमत लगभग 40 लाख रुपये है।

बीकानेर से खास रिपोर्ट

सोने से लदे ‘फूलसा’ पानवाले: बीकानेर की शान, पान की जान बीकानेर की आन ।

राजस्थान की रेत में बसे बीकानेर की पहचान सिर्फ भुजिया और रसगुल्लों तक सीमित नहीं है। यहां एक ऐसी पान की दुकान है, जो न सिर्फ स्वाद के लिए मशहूर है, बल्कि अपने मालिक के अंदाज के लिए भी चर्चा में रहती है। हम बात कर रहे हैं ‘मूलसा-फूलसा पान भंडार’ की, जिसे संभालते हैं फूलचंद सेवग, जिन्हें लोग प्यार से ‘फूलसा’ कहते हैं।

92 साल पुरानी दुकान, चार पीढ़ियों की विरासत

बीकानेर के कोटगेट इलाके के सट्टा बाजार में स्थित यह दुकान पिछले 92 वर्षों से लगातार लोगों को सेवा दे रही है। मूल रूप से फूलचंद के पिता और चाचा ने इस दुकान की नींव रखी थी, और आज चौथी पीढ़ी इस परंपरा को आगे बढ़ा रही है। सुबह 5 बजे से रात 3 बजे तक चलने वाली इस दुकान पर पान की कई वैरायटी मिलती हैं – चॉकलेट पान, किमाम, मीठा पान और चटनी पान सबसे लोकप्रिय हैं। कीमतें 15 से 20 रुपये के बीच होती हैं।

40 लाख के गहनों में लिपटा पानवाला

फूलसा जी रोजाना करीब 400 से 500 ग्राम सोना पहनते हैं, जिसकी कीमत लगभग 40 लाख रुपये है। उनके कानों में कर्णफूल, हाथों में कड़े, अंगुलियों में अंगूठियां और गले में मोटी चेन – ये सब उन्हें एक चलती-फिरती पहचान बना देते हैं। वे कहते हैं, “ये तो रोज़ का है, जब किसी शादी या बड़े फंक्शन में जाता हूं, तो कई किलो सोना पहन लेता हूं।”

लोकप्रियता देशभर में, ग्राहक विदेशों से भी

स्थानीय निवासी राधिका तंवर बताती हैं, “मैं गर्मियों में रोज यहां की लस्सी पीने और पान खाने आती हूं। ये दुकान बीकानेर की शादियों का जरूरी हिस्सा बन चुकी है। बिना इनके पान के शादी अधूरी लगती है।”

फूलसा का पान भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति और कई केंद्रीय मंत्रियों को भी परोसा जा चुका है। देश-दुनिया से लोग इस अनोखी दुकान पर पान खाने और फूलसा जी से मिलने आते हैं।

पान अमृत है, गुटखा जहर – फूलसा का संदेश

फूलसा जी मानते हैं कि सिगरेट और गुटखा शरीर को धीमा ज़हर देते हैं, जबकि पान अगर सही तरीके से खाया जाए तो वह अमृत के समान है। उनके अनुसार, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए उनके पान एकदम सुरक्षित हैं। यही कारण है कि लोग इसे पैक करवाकर देश के कोने-कोने में लेकर जाते हैं।

स्थानीय प्रशासन से नाराजगी

फूलसा ने स्थानीय पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है, “बीकानेर की गर्मियों में दिन के मुकाबले शाम को भीड़ ज्यादा होती है, लेकिन पुलिस हमसे ऐसा व्यवहार करती है जैसे हम कोई अपराधी हों। कुछ ही दूरी पर कई नॉनवेज दुकानें रात 2 बजे तक खुली रहती हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ हमारी दुकान पर होती है।”

मोदी और मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की अपील

उन्होंने कहा, “आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बीकानेर में हैं। मैं आपकी खबर के माध्यम से अपनी आवाज़ उन तक पहुंचाना चाहता हूं।” फूलसा ने उम्मीद जताई कि बीकानेर की स्थानीय समस्याओं पर जल्द ध्यान दिया जाएगा।

‘मूलसा-फूलसा’ की दुकान सिर्फ पान की दुकान नहीं है, यह बीकानेर की संस्कृति, परंपरा और पहचान का प्रतीक बन चुकी है — जहां स्वाद, शौक और स्वाभिमान, तीनों का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।

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