
जयपुर
नरेश मीणा को एक मामले में जमानत, लेकिन जेल से रिहाई अभी नहीं
जयपुर। राजस्थान की सियासत में तेज़ी से उभरते नाम नरेश मीणा को शुक्रवार को एक राहत तो मिली, लेकिन जेल के दरवाज़े फिलहाल उनके लिए नहीं खुल सके हैं। देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान उपखंड अधिकारी (एसडीएम) से कथित झड़प और थप्पड़ मारने के मामले में हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने उन्हें जमानत दे दी है।
जस्टिस अनिल कुमार उपमन की एकलपीठ ने यह कहते हुए जमानत दी कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट अदालत में पेश कर दी गई है। कोर्ट का कहना था कि जब जांच पूरी हो गई है और मुकदमे में समय लग सकता है, तो आरोपी को अनावश्यक रूप से हिरासत में रखना उचित नहीं है।
यह मामला नगरफोर्ट थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 166/2024 से जुड़ा है। आरोप है कि नरेश मीणा ने चुनाव ड्यूटी पर तैनात एसडीएम से पहले तीखी बहस की और फिर उन्हें थप्पड़ मार दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही यह मामला सुर्खियों में आ गया था।
हालांकि, इस केस में राहत मिलने के बावजूद नरेश मीणा अभी जेल में ही रहेंगे। वजह यह है कि उनके खिलाफ अन्य आपराधिक मामले भी चल रहे हैं, जिनमें से एक में हाईकोर्ट का फैसला फिलहाल सुरक्षित रखा गया है।
नरेश मीणा की पहचान एक तेजतर्रार और विवादित नेता के रूप में रही है, जो अक्सर प्रशासन और सरकार से सीधे टकराव की स्थिति में देखे जाते हैं। उनके समर्थक इस जमानत आदेश को एक बड़ी कानूनी जीत मान रहे हैं और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय में, अगर अन्य मामलों में भी उन्हें राहत मिलती है तो यह उनके राजनीतिक भविष्य की दिशा तय कर सकता है। फिलहाल सभी की निगाहें अदालतों के अगले फैसलों पर टिकी हुई हैं।