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आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी और यूनिसेफ ने फोस्टर पेरेंटिंग के लिए बिहेवियरल इनसाइट्स पर आधारित संवाद की शुरुआत की ।

यूनिसेफ राजस्थान के प्रमुख श्री रुशभ हेमानी ने फोस्टर पेरेंटिंग को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

जयपुर

जयपुर, 29 मई 2025: आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर बिहेवियरल साइंसेज़ ने यूनिसेफ के सहयोग से “फोस्टर परिवारों के लिए बिहेवियरल इनसाइट्स-आधारित पेरेंटिंग पैकेज की अवधारणा” विषय पर दो दिवसीय स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन वर्कशॉप का आयोजन किया।

इस वर्कशॉप का उद्देश्य फोस्टर केयर प्रणाली को सशक्त बनाने और देखभाल करने वाले परिवारों के लिए एक व्यवहारिक दृष्टिकोण पर आधारित पेरेंटिंग पैकेज तैयार करना है।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट डॉ. पी.आर. सोडानी ने फोस्टर केयर की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सेंटर फॉर बिहेवियरल साइंसेज़ इस दिशा में एक सशक्त पेरेंटिंग मॉडल तैयार करने पर कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र का उद्देश्य सरकार, गैर-सरकारी संगठनों, विकास सहयोगियों और समुदायों के साथ मिलकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार लाना है। डॉ. सोडानी ने यह भी कहा कि फोस्टर पेरेंटिंग से जुड़ी चुनौतियों को समझने और उनका समाधान खोजने के लिए इस तरह की कार्यशालाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

यूनिसेफ राजस्थान के प्रमुख श्री रुशभ हेमानी ने फोस्टर पेरेंटिंग को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी की सक्रिय भूमिका और निरंतर प्रयासों की सराहना की, विशेष रूप से नीति निर्माण और क्षमता विकास के क्षेत्र में।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. ममता चौहान ने जानकारी दी कि इस दो दिवसीय कार्यशाला में बाल अधिकार विभाग, राजस्थान सरकार; चाइल्ड वेलफेयर कमेटी; चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूट, उदयपुर; यूनिसेफ; फोस्टर केयर सोसाइटी, उदयपुर; सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन अल्टरनेटिव केयर; जतन संस्थान; एक्शन एड सहित कई प्रमुख हितधारकों की सक्रिय भागीदारी रही।

इस संवाद के माध्यम से एक व्यवहारिक, सांस्कृतिक और नीति-सम्मत पेरेंटिंग पैकेज विकसित करने की दिशा में ठोस पहल की गई है, जो आने वाले समय में फोस्टर केयर प्रणाली को मजबूती प्रदान कर सकता है।

 

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