
जयपुर
जयपुर में आज अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिन पायलट ने हाईकोर्ट की आरपीएससी पर आई टिप्पणी को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आरपीएससी नौजवानों के भविष्य का निर्धारण करती है, लेकिन इसके गठन और चयन प्रक्रिया में जवाबदेही का अभाव है। सरकार के पास अब कोई बहाना नहीं बचा है, उसे तुरंत बदलाव करना चाहिए। अगर चयन प्रक्रिया, इंटरव्यू और परीक्षा प्रणाली में युवाओं का भरोसा खत्म हो गया तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
पायलट ने कहा कि आरपीएससी की कई खामियां उजागर हो चुकी हैं। अब सरकार को बिना देरी किए मूलभूत परिवर्तन करना चाहिए। यह कहना कि यह संवैधानिक संस्था है, केवल बहाना है। एक साल से अधिक समय में सरकार बदलाव कर सकती थी, लेकिन दबाव में काम कर रही है। चयन प्रक्रिया में स्पष्ट क्राइटेरिया होना चाहिए। धर्म, जाति या समाज को साधने के लिए सदस्यों का चयन करना गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार का एक मंत्री खुद सार्वजनिक मंच से कह रहा है कि उसका फोन टैप हो रहा है, लेकिन सरकार कोई जवाब नहीं दे रही। यह गंभीर मामला है और प्रदेश व देश इस आरोप का सच जानना चाहता है। विधानसभा में उठाए गए सवालों का भी सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।
दिल्ली चुनाव पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार नहीं रहा, लेकिन हम अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन हमारा लक्ष्य वहां अपनी स्थिति मजबूत करना है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफे पर पायलट ने कहा कि हिंसा के दौरान उनका इस्तीफा लेना सही होता, लेकिन यह सत्ता बचाने के लिए किया गया। भाजपा को जब सरकार जाने का खतरा महसूस हुआ, तब यह कदम उठाया गया। मणिपुर के हालात पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन सत्ता बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किया।