
जयपुर , राजनीतिक डेस्क
पिछली सरकार ने पशुपालकों को किया गुमराह, एक भी पशु बीमे का क्लेम नहीं हुआ पास – कुमावत
लंपी रोग के समय मंत्री कर रहे थे आराम – देवस्थान मंत्री कुमावत
जयपुर। राजस्थान के देवस्थान, पशुपालन, डेयरी और गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों पर पलटवार किया। कुमावत ने कहा कि गलताजी और अधीनस्थ मंदिरों में पूजा-पाठ और भोग सामग्री की व्यवस्था नियमित रूप से हो रही है। मंदिरों में सेवा पूजा के लिए 48 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने गलताजी में तुलसी जयंती, जन्माष्टमी, नवरात्र उत्सव, दीपावली, छठ जैसे भव्य आयोजनों के साथ पुजारियों, सुरक्षाकर्मियों और सफाईकर्मियों के मानदेय का समय पर भुगतान भी किया है। मंत्रिपरिषद की बैठक में मंदिरों में सेवा, पूजा, प्रसाद और सुरक्षा के लिए भोगराशि दोगुनी कर प्रति मंदिर 3 हजार रुपये करने का निर्णय लिया गया। अंशकालीन पुजारियों का मानदेय 5 हजार से बढ़ाकर 7500 रुपये कर दिया गया।
देवस्थान विभाग के मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 101 करोड़ रुपये तथा राज्य के बाहर स्थित क्षतिग्रस्त मंदिरों के लिए 25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 12 मंदिरों का जीर्णोद्धार और विकास कार्य किया जाएगा। खाटू श्यामजी मंदिर के कॉरिडोर के लिए 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
कामधेनु पशु बीमा योजना पर हमला बोलते हुए कुमावत ने कहा कि यह सिर्फ कागजी योजना थी। इसमें 110 लाख पशुओं का पंजीकरण हुआ, लेकिन 21 पशुओं का ही बीमा क्लेम पास हुआ। लंपी रोग के समय कांग्रेस के मंत्री आराम कर रहे थे, जबकि अब भजनलाल सरकार ने मंगला पशु बीमा योजना को पूरी पारदर्शिता से लागू किया है।
“हम सनातन धर्म के सिद्धांतों का पालन करते हुए मंदिरों के विकास के लिए काम कर रहे हैं।”