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राजीव गांधी युवा मित्र: बेरोजगारी की मार और आंदोलन की ललकार ।

चाहे इसका नाम राजीव गांधी योजना हो या अटल बिहारी वाजपेयी योजना, हमें सिर्फ अपना काम चाहिए।"

जयपुर

राजीव गांधी युवा मित्र: बेरोजगारी की मार और आंदोलन की ललकार

राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार बनने के तुरंत बाद ही एक अहम फैसला लिया गया, जिससे करीब 5000 युवा बेरोजगार हो गए। यह फैसला राजीव गांधी युवा मित्र योजना को समाप्त करने से जुड़ा था, जिसे पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने शुरू किया था।

क्या थी राजीव गांधी युवा मित्र योजना?
इस योजना के तहत युवा मित्रों को नियुक्त किया गया था, जिनका काम केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को उन जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाना था, जो समाज के सबसे अंतिम पायदान पर हैं। लेकिन नई सरकार बनते ही इस योजना को बंद कर दिया गया, जिससे हजारों युवाओं की रोजी-रोटी पर संकट आ गया।

बेरोजगार युवा मित्रों की पीड़ा

राजीव गांधी युवा मित्रों का कहना है कि उन्होंने बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुँचाने का काम किया। उनके अनुसार, “हम तो बस अपना काम कर रहे थे, फिर सरकार किसी भी पार्टी की हो, इससे हमें फर्क नहीं पड़ता। लेकिन सत्ता बदलते ही हमारी बलि चढ़ा दी गई।”

एक साल से जारी है आंदोलन

बेरोजगार हुए युवा मित्र पिछले एक साल से लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज़ सरकार तक नहीं पहुँच रही। इस संघर्ष में अब तक तीन युवा मित्रों की मौत हो चुकी है, फिर भी आंदोलन जारी है। इनमें कई महिलाएँ भी शामिल हैं, जो अपने छोटे बच्चों के साथ इस लड़ाई में डटी हुई हैं।

युवा मित्रों का कहना है कि उन्हें योजना के नाम से कोई आपत्ति नहीं है। “चाहे इसका नाम राजीव गांधी योजना हो या अटल बिहारी वाजपेयी योजना, हमें सिर्फ अपना काम चाहिए।”

बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी

अगर सरकार उनकी माँगों पर ध्यान नहीं देती, तो 5000 युवा मित्र एक ऐतिहासिक आंदोलन करेंगे। उनका कहना है, “जब हजारों लोगों की आवाज़ एक साथ उठती है, तो सरकार को सुनना ही पड़ता है।”

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार इन बेरोजगार युवाओं की माँगों को सुनेगी या उनका संघर्ष और लंबा चलेगा।

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