राजनीति

राम भरोसे जयपुर नगर निगम ग्रेटर  ?

महापौर की अयोध्या यात्रा विवादों में, भाजपा नेताओ ने नाराज़गी जताई ।

जयपुर,

जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर का अयोध्या दौरा विवादों में घिर गया है। महापौर ने अपने  कर्मचारियों और पार्षदों के साथ बुधवार को अयोध्या यात्रा की, जिसे लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे अहम सवाल यह है कि इस तीन दिवसीय दौरे के दौरान अयोध्या गए कर्मचारियों का काम किसने संभाला? क्या यह सभी कर्मचारी अवकाश पर थे या उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी? इन सवालों का जवाब देने का जिम्मा महापौर पर है।

इसके अलावा, महापौर इन अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने निजी खर्च पर अयोध्या लेकर गईं या नगर निगम के राजस्व का इस्तेमाल हुआ, यह सवाल भी उठ रहा है। इस पर नगर निगम के वित्तीय सलाहकार ही स्पष्टता से जबाब दे सकते हैं। पिछले साल भी स्वच्छ सर्वेक्षण को सफल बनाने के नाम पर महापौर ने निगम के लाखों रुपये खर्च कर दिए थे, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहे। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में जयपुर नगर निगम ग्रेटर की रैंक 173वीं आई थी, जो महापौर के लिए एक बड़ी असफलता मानी गई। इसके बावजूद, महापौर का ध्यान अपने काम पर कम और अपने व्यक्तिगत छवि सुधारने पर अधिक दिखाई दे रहा है।

अब जबकि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 नजदीक है, महापौर ने नगर की सफाई व्यवस्था को नजरअंदाज करते हुए अयोध्या जाने का फैसला किया। इस यात्रा में उन्होंने अपने साथ कुछ पार्षदों को भी शामिल किया। इस कदम को लेकर भाजपा के भीतर भी असंतोष देखा जा रहा है, खासकर तब, जब पार्टी राजस्थान में सदस्यता अभियान को गति देने का प्रयास कर रही है। महापौर का इस अभियान से दूरी बनाना पार्टी के लिए एक चिंता का विषय बन गया है।

इस बीच, एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें महापौर और उनकी टीम के साथ दौसा-आगरा हाइवे पर स्थित भांडारेज के एक होटल में खाने के बिल को लेकर विवाद हुआ। बताया जा रहा है कि होटल का बिल 14,700 रुपये था, लेकिन महापौर की टीम ने केवल 8,000 रुपये का भुगतान किया। इस पर तर्क दिया गया कि निगम के राजस्व को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया था, क्योंकि होटल ने गलत बिल प्रस्तुत किया था। इस छोटे से बिल विवाद ने महापौर और उनकी टीम की छवि को धक्का पहुंचाया है।

दीपावली के मौके पर जब शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी महापौर पर है, तब इस तरह के विवादों में घिरना उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर की सफाई व्यवस्था पहले ही सवालों के घेरे में है, और महापौर का इस तरह से ध्यान हटाना नगरवासियों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

महापौर सौम्या गुर्जर के इस दौरे ने न केवल प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। पार्टी के भीतर उनके इस फैसले को लेकर चर्चा तेज है, और सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस दौरे से महापौर का राजनीतिक भविष्य सुरक्षित हो पाएगा ?

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