जयपुर नगर निगम हैरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर को सरकार ने किया निलंबित ।
सरकार की ज़ीरो टोलरेंस नीति का साफ संदेश । भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।

जयपुर , राजनीति डेक्स
जयपुर हैरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को आखिरकार सरकार ने निलंबित कर ही दिया । पिछले कई दिनों से जारी घटनाक्रम में सरकार ने कई बार जयपुर हैरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर को नोटिस भी दिया जिसका उन्होंने कोई भी संतोष जनक जबाब पेश नही किया , आखिरकार स्वास्थ्य शासन विभाग ने निलंबित के आदेश निकाल दिए । कैबिनेट मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कुछ दिन पहले ही कहाँ था कि महापौर के खिलाफ जांच चल रही है सरकार ने उनसे जबाब मांगा था पर शायद वो कोई भी संतुष्ट जबाब नही दे पाई ।
हम आप को बता दे कि पिछली कांग्रेस सरकार में भी महापौर को दो बार निलंबन किया गया था । क्योंकि कांग्रेस के ही पार्षद लगातार अपने ही महापौर को भ्रष्टाचार में घेरने में लगे थे और लगातार उन पर फर्जी पट्टों का मामला भी कोर्ट में चल रहा है । उनपे आरोप था कि महापौर और उनके पति ने मिलकर फर्जी पट्टों में गड़बड़ी की थी जिसकी ACB में जांच चल रही है । ACB ने चलान भी पेश कर दिया है । इसी बीच कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने निवर्तमान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी से मुलाकात कर के महापौर को बर्खास्त करने की मांग की थी ।
अब ये तय हो गया है कि जयपुर नगर निगम हैरिटेज में भाजपा की ही कार्यवाहक महापौर बनाई जाएगी । अगर भाजपा की महापौर की बात की जाए तो भाजपा पार्षदों की सँख्या बल तो कम है लेकिन कांग्रेस के पार्षदों के समर्थन से बहुमत पूरा कर लिया जाएगा ।
वही मुनेश गुर्जर ने कोर्ट में अपनी अपील लगाई है जिसका कोर्ट का फैसला आना बाकी है । पिछली बार भी वो अपने स्थगन आदेश पर स्टे लेकर आई थी और फिर से वो महापौर की कुर्सी पर काबिज हो गई थी । सरकार ये पहले ही कह चुकी है कि राजस्थान में किसी तरह का भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नही किया जाएगा ।
राजस्थान की सरकार का ये फैसला उन तमाम नेताओ,और अधिकारियों को एक सबक है जो सरकार की ज़ीरो टोलरेंस नीति के तहत काम कर रही है ।
कार्यवाहक महापौर के रूप में कई भाजपा महिला पार्षद है जिनका नाम चल रहा है जिसमे कपिला कुमावत का सबसे ऊपर है । सरकार ये भी देखना चाहेगी की किसी भी तरह से किसी के साथ कोई भेदभाव ना हो ।